Thursday, August 30, 2018

रानी ..तेरी याद में..।

       रानी तेरी याद में..


  बन के अजनबी मिले थे जिन्दगी के सफर में,
  इन यादों के लम्हों को मिटायेंगे नही,
  अगर याद रखना फितरत है आपकी,

तो वादा है हम भी आपको कभी भुलायेंगे नही
उन्होंने अपना कभी बनाया ही नहीं,
झूठा ही सही प्यार दिखाया ही नहीं,
गलतियां अपनी हम मान भी जाते,
पर क्या करें कसूर हमारा हमें बताया ही नहीं.

रख लो आईने हज़ार तसल्ली के लिए ....
.पर सच के लिए आँखें मिलानी पड़ेंगी ...!!

 हाँ उड़ते परिन्दों को देख कर ,
?मन क्यों करता मैं भी उड़ चलू साथ,
पर  रुक जाता हूँ  सच में..तेरे लिए !

        Mohan s. negi

Monday, August 27, 2018

सोच...


        कुुुछ....

*सबको मंजिल का शोक हैं.!!!*
     *और मुझे सही रास्तों का.!!!*
*ये दुनिया इसलिए बुरी नहीं कीं, !!!*
       *यहाॅ बुरे लोग ज्यादा हैं.!!!*
*बल्की इसलिए बुरी हैं कीं,!!!*
    *यहाॅ अच्छे लोग खामोश हैं.!!!*
       
         
       ’ और "सच्चाई"*
                  *एक*
           *ऐसी सवारी है*
       *जो अपने सवार को*
                 *कभी*
           *गिरने नहीं देती*
      *ना किसी के कदमो में*
                    *और*
      *ना किसी की नज़रों मे*
   
       
       लोग आपसे नहीं*
      *आपकी स्थिति*
      *से हाथ मिलाते हैं*

आह...आह ..।

      आह तेरी याद..।



कौन कहता है हम उसके बिना मर जायेंगे
हम तो दरिया है समंदर में उतर जायेंगे
वो तरस जायेंगे प्यार की एक बून्द के लिए
हम तो बादल है प्यार के .......
कहीं-किसी  और पर बरस जायेंगे ..?
                              मोहन नेगी !

Saturday, August 18, 2018

मेरा जीवन..।

कुछ भी...
 
1990 से पहले जन्म वाले जरुर पढ़े
बहुत अच्छी फीलिंग आयेगी  ☺
.
हम लोग,
जो 1947  से  1990
 के बीच जन्में  है,
 We are blessed because,

       

👍     हमें कभी भी

👌हमारें माता- पिता को
 हमारी पढाई को लेकर
कभी अपने programs
आगे पीछे नही करने पड़ते थे...!

👍    स्कूल के बाद हम
देर सूरज डूबने तक खेलते थे  

👍    हम अपने
real दोस्तों के साथ खेलते थे;
net फ्रेंड्स के साथ नही ।

👍     जब भी हम प्यासे होते थे
तो नल से पानी पीना
safe होता था और
हमने कभी mineral water bottle को नही ढूँढा ।

👍     हम कभी भी चार लोग
गन्ने का जूस उसी गिलास से ही
पी करके भी बीमार नही पड़े ।

👍     हम एक प्लेट मिठाई
और चावल रोज़ खाकर भी
बीमार  नही हुए ।

👍     नंगे पैर घूमने के बाद भी
 हमारे पैरों को कुछ नही होता था ।

👍     हमें healthy रहने
के लिए  Supplements नही
लेने पड़ते थे ।

👍     हम कभी कभी अपने खिलोने
खुद बना कर भी खेलते थे ।

👍     हम ज्यादातर अपने parents के साथ या  grand- parents के पास ही रहे ।

👌हम अक्सर 4/6 भाई बहन
एक जैसे कपड़े पहनना
शान समझते थे.....
common. वाली नही
एकतावाली  feelings ...
enjoy करते थे

👍     हमारे पास
न तो Mobile,  DVD's,
PlayStation, Xboxes,
PC, Internet, chatting,
क्योंकि
हमारे पास real दोस्त थे ।

👍     हम दोस्तों के घर
 बिना बताये जाकर
मजे करते थे और
उनके साथ खाने के
मजे लेते थे।
कभी उन्हें कॉल करके
appointment नही लेना पड़ा ।

👍     हम एक अदभुत और
सबसे समझदार पीढ़ी है क्योंकि
हम अंतिम पीढ़ी हैं जो की
अपने parents की सुनते हैं...
और
साथ ही पहली पीढ़ी
जो की
अपने बच्चों की सुनते हैं ।

We are not special,
but.
We are
LIMITED EDITION
and we are enjoying the
Generation                   Gap......

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*तेरी बुराइयों* को हर *अख़बार* कहता है,
और तू मेरे *गांव* को *गँवार* कहता है   //

*ऐ शहर* मुझे तेरी *औक़ात* पता है  //
तू *चुल्लू भर पानी* को भी *वाटर पार्क* कहता है  //

*थक*  गया है हर *शख़्स* काम करते करते  //
तू इसे *अमीरी* का *बाज़ार* कहता है।

*गांव*  चलो *वक्त ही वक्त*  है सबके पास  !!
तेरी सारी *फ़ुर्सत* तेरा *इतवार* कहता है //

*मौन*  होकर *फोन* पर *रिश्ते* निभाए जा रहे हैं  //
तू इस *मशीनी दौर*  को *परिवार* कहता है //

जिनकी *सेवा* में *खपा*  देते थे जीवन सारा,
तू उन *माँ बाप*  को अब *भार* कहता है  //

*वो* मिलने आते थे तो *कलेजा* साथ लाते थे,
तू *दस्तूर*  निभाने को *रिश्तेदार* कहता है //

बड़े-बड़े *मसले* हल करती थी *पंचायतें* //
तु  अंधी *भ्रष्ट दलीलों* को *दरबार*  कहता है //

बैठ जाते थे *अपने पराये* सब *बैलगाडी* में  //
पूरा *परिवार*  भी न बैठ पाये उसे तू *कार* कहता है  //

अब *बच्चे* भी *बड़ों* का *अदब* भूल बैठे हैं //
तू इस *नये दौर*  को *संस्कार* कहता है  *.//*

किसी मित्र ने पोस्ट किया था जिसे पढ़ने के बाद मैं रोक न सका और आप सभी के बिच समर्पित किया !!.

Wednesday, August 8, 2018

नहीं......।

               नहीं कभी नहीं




 बन के अजनबी मिले थे जिन्दगी के सफर में,
इन यादों के लम्हों को मिटायेंगे नही,
अगर याद रखना फितरत है आपकी,
तो वादा है हम भी आपको कभी भुलायेंगे नही

उन्होंने अपना कभी बनाया ही नहीं,
झूठा ही सही प्यार दिखाया ही नहीं,
गलतियां अपनी हम मान भी जाते,
पर क्या करें कसूर हमारा हमें बताया ही नहीं.