Thursday, June 21, 2018

दोस्ती..।

याद आते हैं...

 मै यादों का किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
मै गुजरे पल को सोचूँ  तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.

अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से.
मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.

कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.

सबकी जिंदगी बदल गयी
एक नए सिरे में ढल गयी
किसी को नौकरी से फुरसत नही
किसी को दोस्तों की जरुरत नही

कोई पढने में डूबा है कोई पढाने मे
सारे यार गुम हो गये हैं
"तू" से "तुम" और "आप" हो गये है
मै गुजरे पल को सोचूँ तो,
कुछ दोस्त  बहुत याद आते हैं.

धीरे धीरे उम्र कट जाती है
जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है,
कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है
और कभी यादों के सहारे ज़िन्दगी कट जाती है ...

- जी लो इन पलों को हस के दोस्त,
फिर लौट के दोस्ती के जमाने  नहीं आते ... !!!

            Yogesh bhatt..ji

Sunday, June 17, 2018

रुक जा....

           कुछ देर रुक जा जिंदगी..

                                                             
*आहिस्ता  चल  जिंदगी,अभी*
*कई  कर्ज  चुकाना  बाकी  है*
*कुछ  दर्द  मिटाना   बाकी  है*
*कुछ   फर्ज निभाना  बाकी है*
                   *रफ़्तार  में तेरे  चलने से*
                   *कुछ रूठ गए कुछ छूट गए*
                   *रूठों को मनाना बाकी है*
                   *रोतों को हँसाना बाकी है*
*कुछ रिश्ते बनकर ,टूट गए*
*कुछ जुड़ते -जुड़ते छूट गए*
*उन टूटे -छूटे रिश्तों के*
*जख्मों को मिटाना बाकी है*
                    *कुछ हसरतें अभी  अधूरी हैं*
                    *कुछ काम भी और जरूरी हैं*
                    *जीवन की उलझ  पहेली को*
                    *पूरा  सुलझाना  बाकी     है*
                                चंद्रा भगत्...

Sunday, June 10, 2018

बस तेरा शौक....।

          तेरा शौक ..


1-हम भी अक्सर फूलों की तरह तनहा रह जाते है ,  कभी खुद टूट जाते हैं , कभी लोग तोड़ जाते है


2-हमैं उन परिदों को कैद करना
   हमारी फ़ितरत  मै नही
   जो हमारे दिल के पिजरे मै
   रहकर। दूसरे के साथ उडने
   का शोक रख़ते है
   शौक़ से जाओ


 3-मुझे रुलाकर सोना तेरी आदत
    बन गई है
    जिस दिन मेरी आँख ना खुलि
    बेसक तुझको नींद से नफरत हो जाएगी

Thursday, June 7, 2018

आह......

                       मेरे दर्द....

*दर्द कागज़ पर,*
          *मेरा बिकता रहा,*

*मैं बैचैन था,*
          *रातभर लिखता रहा..*

*छू रहे थे सब,*
          *बुलंदियाँ आसमान की,*

*मैं सितारों के बीच,*
          *चाँद की तरह छिपता रहा..*

*अकड होती तो,*
          *कब का टूट गया होता,*

*मैं था नाज़ुक डाली,*
          *जो सबके आगे झुकता रहा..*

*बदले यहाँ लोगों ने,*
         *रंग अपने-अपने ढंग से,*

*रंग मेरा भी निखरा पर,*
         *मैं मेहँदी की तरह पीसता रहा..*

*जिनको जल्दी थी,*
         *वो बढ़ चले मंज़िल की ओर,*

*मैं समन्दर से राज,*
         *गहराई के सीखता रहा..!!*

*"ज़िन्दगी कभी भी ले सकती है करवट...*
*तू गुमान न कर...*

*बुलंदियाँ छू हज़ार, मगर...*
*उसके लिए कोई 'गुनाह' न कर.*

*कुछ बेतुके झगड़े*,
*कुछ इस तरह खत्म कर दिए मैंने*

*जहाँ गलती नही भी थी मेरी*,
*फिर भी हाथ जोड़ दिए मैंने*

Monday, June 4, 2018

कुछ तो हैं तूझ से राफता..।

               कुछ कहूँ क्या..
       
1-: पलकों में कैद कुछ सपने हैं,
कुछ बेगाने और कुछ अपने है,
ना जाने क्या कशिश है इन ख्यालो में,
कुछ लोग दूर हो के भी कितने अपने है.

2-: कोशिश करो कि ज़िन्दगी का हर लम्हा अच्छे से अच्छा गुजरे,
क्योंकि जिंदगी नहीं रहती पर अच्छी यादें हमेशा जिंदा रहती हैं!

3-: सितारों को भेजा है आपको सुलाने के लिए,
चाँद आया है लोरी गाने के लिए,
सो जाओ मीठे ख्वाबो में,
सुबह सूरज को भेजूंगा आपको जगाने के लिए!

4-: कोयल की कुहू कुहू में हैं जो मिठास,
नदिया के जल में भी है खनकती आवाज,
ऐसा ही सुरीला होगा आपका आज,
दिल से कहते हैं आपको सुप्रभात!
                            चंद्रा भगत्