Monday, August 27, 2018

आह...आह ..।

      आह तेरी याद..।



कौन कहता है हम उसके बिना मर जायेंगे
हम तो दरिया है समंदर में उतर जायेंगे
वो तरस जायेंगे प्यार की एक बून्द के लिए
हम तो बादल है प्यार के .......
कहीं-किसी  और पर बरस जायेंगे ..?
                              मोहन नेगी !

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