Friday, March 16, 2018

एक सोच...।


1-"सदका" भी दे दिया, नज़र भी उतार दी!
दौलत सुकूनों चैन की सब मुझपे वार दी,
मैंने कल शाम बस यूँ ही
 कहा! कि तबियत खराब है,
"माँ" ने पूरी रात दुआओं में गुज़ार दी।

   2-.  एक खूबसूरत सोच
रखा करो नजदीकियां ज़िन्दगी का कुछ भरोस नहीं...
फिर मत कहना चले भी गए और बताया तक नहीं.  !
         
3- बहुत ग़जब का नज़ारा है इस अजीब सी दुनिया का, लोग सब कुछ बटोरने में लगे हैं खाली हाथ जाने के लिये..!
   
4- " वक्त " कहता है
   मैं फिर न आऊंगा,
   मुझे खुद नहीं पता
तुझे हसाऊंगा या रुलाऊंगा,
जीना है तो इस पल को जी ले,
             "क्योंकि"
मै किसी भी हाल में इस पल को,
 अगले पल तक रोक न पाऊंगा।

5-फितरत किसी की
ना आजमाया कर...ऐ जिंदगी।
हर शख्स अपनी हद में..
बेहद लाजवाब होता है...!!
                       चंद्रा भगत् ।

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