Friday, March 2, 2018

रंग..।

      तेरे रंग में.।
मैं रंग गया हूँ तेरे रंग मैं,
रंग होतेहैं अजीब अपने रंग मैं ,
रंग मिल जाते हैं इक तो ,
रंग हो जाते हैं हसीन रंग मैं ,
.......रंगों को छेडों नहीं ,,,,,,,,,नहीं तो,
......कभी खुद रंग जाओगे  इन्हीं रंगों में !  मोहन नेगी

इस बार होली ऐसी मनाऊँगा,
 खुद को करके काला पीला,
तेरी गली पहुँच जाऊँगा..
तू सोचती रह जाएगी,
और तेरे भाई के सामने तुझे रंग लगा जाऊँगा…. Mohan negi

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