Sunday, February 18, 2018

दूर छोर पर...मेरा गाँव।


          दूर छोर पर...मेरा गाँव।  

दूर बहुत दूर,
धरती के एक छोर पर,
               घाटियों की तलहटी में,
               बसा एक गाँव,
मेरा गाँव-
गाँव के बीचों- बीच,
               एक खूबसूरत झील,
              खेती के लिए थोड़ी, परन्तु,
पर्याप्त जमीन,
गाँव के चारों- ओर घने जंगल,
             जंगल में सिरोव के घने खूबसूरत पेड़,
             जो मुझे स्वप्न जैसे लगते,
जंगल के बीच से होता हुआ रास्ता,
गाँव को शहर से जोड़ता,
            जमीं से थोड़ी ऊचाई पर बनी
            छोटे- छोटे लकड़ी के घर
छतों पर दौड़ कर कूद मारना
             स्वप्न लगता है अब .
            गिर कर चोट लगते ही टूट जाता है स्वप्न ...?msnegi !

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