आ भी जा
बस अब आ जा....।
सोचता हूँ क्यों हूँ क्यों करा करता हूँ किसी की आस ,
सब चले गये दूर . बस मैं ही जो रुका हूँ ले कर तेरी आस,
आ जाओ कभी सपनों में ही बस जब गहरी नींद हो कास...! Mohansnegi
सोचता हूँ क्यों हूँ क्यों करा करता हूँ किसी की आस ,
सब चले गये दूर . बस मैं ही जो रुका हूँ ले कर तेरी आस,
आ जाओ कभी सपनों में ही बस जब गहरी नींद हो कास...! Mohansnegi
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