Sunday, April 22, 2018

तेरा ख्याल..।

              तेरा ......ख्याल

1-"कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ..की*
   खुदा नूर भी बरसाता है ... आज़माइशों के बाद".!!!*


2- किसको बर्दाश्त है "साहेब" तरक़्क़ी आजकल दुसरो की*....
   लोग तो मय्यत की भीड़ देखकर भी जल जाते है*..

3-"निभाएँ किस तरह रिश्ते,समझ में कुछ नहीं आता,*
     किसी से दिल नहीं मिलता,कोई दिल से नहीं मिलता.....*
4- किसी ने मुजसे कहा, आपकी आँखे बड़ी खूबसूरत है,*
   मैने कहा, बारिश के बाद अक्सर मौसम सुहाना हो जाता है!*

5- सिखा दिया है जहां ने हर जख्म पर हंसना*
    ले देख जिंदगी अब हम तुझसे नहीं डरते*....

6-न माँझी,न रहबर,न हक मे हवाएं,है
   कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है...

6-अलग ही मजा है फ़कीरी का अपना,
   न पाने की चिंता न खोने का डर है.....
   एक बच्चे ने बड़ी मासूमियत से  "गुड मार्निंग"  का        मतलब बताया....*

 7-मेरी अच्छी मां ..सुबह से उठकर इधर से उधर दौड़-      दौड़ कर काम करती रहती है  न...।*

              चंद्रा भगत् ।

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