तेरा ख्याल..।
तेरा ......ख्याल
1-"कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ..की*
खुदा नूर भी बरसाता है ... आज़माइशों के बाद".!!!*
2- किसको बर्दाश्त है "साहेब" तरक़्क़ी आजकल दुसरो की*....
लोग तो मय्यत की भीड़ देखकर भी जल जाते है*..
3-"निभाएँ किस तरह रिश्ते,समझ में कुछ नहीं आता,*
किसी से दिल नहीं मिलता,कोई दिल से नहीं मिलता.....*
4- किसी ने मुजसे कहा, आपकी आँखे बड़ी खूबसूरत है,*
मैने कहा, बारिश के बाद अक्सर मौसम सुहाना हो जाता है!*
5- सिखा दिया है जहां ने हर जख्म पर हंसना*
ले देख जिंदगी अब हम तुझसे नहीं डरते*....
6-न माँझी,न रहबर,न हक मे हवाएं,है
कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है...
6-अलग ही मजा है फ़कीरी का अपना,
न पाने की चिंता न खोने का डर है.....
एक बच्चे ने बड़ी मासूमियत से "गुड मार्निंग" का मतलब बताया....*
7-मेरी अच्छी मां ..सुबह से उठकर इधर से उधर दौड़- दौड़ कर काम करती रहती है न...।*
चंद्रा भगत् ।
1-"कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ..की*
खुदा नूर भी बरसाता है ... आज़माइशों के बाद".!!!*
2- किसको बर्दाश्त है "साहेब" तरक़्क़ी आजकल दुसरो की*....
लोग तो मय्यत की भीड़ देखकर भी जल जाते है*..
3-"निभाएँ किस तरह रिश्ते,समझ में कुछ नहीं आता,*
किसी से दिल नहीं मिलता,कोई दिल से नहीं मिलता.....*
4- किसी ने मुजसे कहा, आपकी आँखे बड़ी खूबसूरत है,*
मैने कहा, बारिश के बाद अक्सर मौसम सुहाना हो जाता है!*
5- सिखा दिया है जहां ने हर जख्म पर हंसना*
ले देख जिंदगी अब हम तुझसे नहीं डरते*....
6-न माँझी,न रहबर,न हक मे हवाएं,है
कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है...
6-अलग ही मजा है फ़कीरी का अपना,
न पाने की चिंता न खोने का डर है.....
एक बच्चे ने बड़ी मासूमियत से "गुड मार्निंग" का मतलब बताया....*
7-मेरी अच्छी मां ..सुबह से उठकर इधर से उधर दौड़- दौड़ कर काम करती रहती है न...।*
चंद्रा भगत् ।
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