मेरा मन तू..।
ख्वाहिशें ...।
छोटी छोटी खुशियाँ ही तो
जीने का सहारा बनती है ।।
ख्वाहिशों का क्या वो तो
पल पल बदलती है ।..
सब्र का घूंट दूसरो को पिलाना कितना आसान लगता है
ख़ुद पियो तो क़तरा क़तरा ज़हर लगता है!
जो दिल के आईने में हो , वही है प्यार के क़ाबिल
वरना दीवार के क़ाबिल तो हर तस्वीर होती है
थोड़ा थक गया हूँ अब दूर निकलना छोड़ दिया है।
पर ऐसा भी नही है की मैंने चलना छोड़ दिया है।।
फासले अक्सर रिश्तों में दूरी बढ़ा देते हैं।
ऐसा भी नही कि अपनों से मिलना छोड़ दिया है।।
हाँ...ज़रा अकेला हूँ दुनिया की भीड़ में।
ऐसा नही की मैने अपनापन छोड़ दिया है।।
याद करता हूँ अपनों की परवाह भी है मन में।
कितना करता हूँ ये बताना छोड़ दिया हैं ।
Yogesh joshi !
छोटी छोटी खुशियाँ ही तो
जीने का सहारा बनती है ।।
ख्वाहिशों का क्या वो तो
पल पल बदलती है ।..
सब्र का घूंट दूसरो को पिलाना कितना आसान लगता है
ख़ुद पियो तो क़तरा क़तरा ज़हर लगता है!
जो दिल के आईने में हो , वही है प्यार के क़ाबिल
वरना दीवार के क़ाबिल तो हर तस्वीर होती है
थोड़ा थक गया हूँ अब दूर निकलना छोड़ दिया है।
पर ऐसा भी नही है की मैंने चलना छोड़ दिया है।।
फासले अक्सर रिश्तों में दूरी बढ़ा देते हैं।
ऐसा भी नही कि अपनों से मिलना छोड़ दिया है।।
हाँ...ज़रा अकेला हूँ दुनिया की भीड़ में।
ऐसा नही की मैने अपनापन छोड़ दिया है।।
याद करता हूँ अपनों की परवाह भी है मन में।
कितना करता हूँ ये बताना छोड़ दिया हैं ।
Yogesh joshi !
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