Monday, April 23, 2018

बच्चे... बडे..

             मेरे बच्चे बडे हो गये..

मेरे बच्चे अब बड़े हो गए हैं और हम अकेले हो गए हैं.😔

बिस्तरों पर अब सलवटें नहीं पड़ती
ना ही इधर उधर छितराए हुए कपड़े हैं👗

रिमोट  के लिए भी अब झगड़ा नहीं होता
ना ही खाने की नई नई फ़रमायशें हैं

मेरे बच्चे अब बड़े हो गए हैं और हम अकेले हो गए हैं.

सुबह अख़बार📰 के लिए भी नहीं होती मारा मारी.
घर 🏠 बहुत बड़ा और सुंदर दिखता है
पर हर कमरा बेजान सा लगता है
अब तो वक़्त काटे भी नहीं कटता 🙄
बचपन की यादें कुछ दिवार पर फ़ोटो में सिमट गयी हैं
मेरे बच्चे अब बड़े हो गए हैं और हम अकेले हो गए हैं.

अब मेरे गले से कोई नहीं लटकता ,
ना ही घोड़ा🐴 बनने की ज़िद होती है
खाना खिलाने को अब चिड़िया🐦 नहीं उड़ती .
खाना खिलाने के बाद की तसल्ली भी अब नहीं मिलती
ना ही रोज की बहसों और तर्कों का संसार है
ना अब झगड़ों को निपटाने का मजा है
ना ही बात बेबात गालों पर मिलता दुलार है
बजट की खींच तान भी अब नहीं है

मेरे बच्चे अब बड़े हो गए हैं और हम अकेले हो गए हैं

पलक झपकते ही जीवन का स्वर्ण काल निकल गया
पता ही नहीं चला
इतना ख़ूबसूरत अहसास कब पिघल गया
तोतली सी आवाज़ में हर पल उत्साह था
पल में हँसना पल में रो देना
बेसाख़्ता गालों पर उमड़ता प्यार था
कंधे पर थपकी और गोद में सो जाना
सीने पर लिटाकर वो लोरी सुनाना
बार बार उठ कर रज़ाई को उड़ाना
अब तो बिस्तर बहुत बड़ा हो गया है
मेरे बच्चों का प्यारा बचपन कहीं खो गया है

अब कोई जुराबे इधर उधर नहीं फेंकटा है..
अब fridge भी घर की तरह खाली रे‍हता है

बाथरूम भी सूखा रे‍हता है
Kitchen हर दम सिमटा रे‍हता है
अब हर घंटी पर लगता है कि श्‍यद कोई surprise है
और बच्चो की कोई नयी फरमिश है
अब तो रोज सुबह शाम मेरी सेहत फोन पर पूँछते हैं
मुझे अब आराम की हिदायत देते हैं
पहले हम उनके  झगड़े निपटाते थे
आज वे हमें समझाते हैं
लगता है अब शायद हम बच्चे हो गए हैं

मेरे बच्चे अब बड़े हो गए हैं और हम अकेले हो गए हैं.
                चंद्रा भगत् ।

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home