कुछ तो कर जायेंगे।
जिंदगी सुंदर है पर मुझे.
जीना नहीं आता,
हर चीज में नशा है पर मुझे.
पीना नहीं आता,
सब मेरे बिना जी सकते हैं,
र्सिफ मुझे अपनों के बिना....
जीना नहीं आता..!
मुस्कुराने की आदत भी कितनी महेंगी पड़ी हमको..!
भुला दिया सबने ये कहकर की तुम तो अकेले भी खुश रह लेते हो !
जिसे निभा न सकूँ,
ऐसा वादा नहीं करता,
मैं बातें अपनी हद से,
ज्यादा नहीं करता..!
तमन्ना रखता हूं,
आसमान छू लेने की,
लेकिन औरो को गिराने का,
कभी इरादा नहीं रखता!
चलो चाँद का.,
किरदार अपना लें....
दाग़ अपने पास रखें.,
और रौशनी फैला दें....!
चंद्रा भगत।
2 Comments:
बहुत अच्छा।
बहुत अच्छा।
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