नयी सुबह की ओर..
शुभ प्रभात....
*नीरस निशा गयी।*
*भव्य भोर हो गया।।*
*चन्द्रमा की चमक गयी।*
*चंचल चकोर सो गया।।*
*स्वर्णिम सुहाना सूर्य।*
*सत्कार कीजिये ।।*
*नेह नम्रता से भरा*
*नमस्कार लीजिये।।*
*नई सुबह इतनी*
*सुहानी हो जाए;*
*आपके दुखों की सारी बातें*
*पुरानी हो जाएं;*
*दे जाए इतनी खुशियां*
*ये दिन आपको;*
*कि ख़ुशी भी आपकी*
*मुस्कुराहट की*
*दीवानी हो जाएं ।
चंद्रा भगत्
*नीरस निशा गयी।*
*भव्य भोर हो गया।।*
*चन्द्रमा की चमक गयी।*
*चंचल चकोर सो गया।।*
*स्वर्णिम सुहाना सूर्य।*
*सत्कार कीजिये ।।*
*नेह नम्रता से भरा*
*नमस्कार लीजिये।।*
*नई सुबह इतनी*
*सुहानी हो जाए;*
*आपके दुखों की सारी बातें*
*पुरानी हो जाएं;*
*दे जाए इतनी खुशियां*
*ये दिन आपको;*
*कि ख़ुशी भी आपकी*
*मुस्कुराहट की*
*दीवानी हो जाएं ।
चंद्रा भगत्
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