कुछ खट्टी -कुछ मिट्ठी याद
कुछ खट्टी -कुछ मिट्ठी याद.........
कुछ यादें पहलू में दबाये बैठा हूँ,
आज बहुत दिनों बाद तुझे याद करने बैठा हूँ
आज जाम पर जाम पीने बैठा हूँ ,
कुछ खट्टी -कुछ मिट्ठी याद यादों को याद करने बैठा हूँ ,
जुड़ जाते थे हम आपस में एक दूजे से
कुछ कहानी कुछ अपसाने ले कर
कुछ नोक झोक ,फिर हंस जाते खिल खिला कर
उन्ही यादों को आज फिर से एक माला में पिरोने बैठा हूँ ,
बहुत दिनों के बाद उन यादों को इकट्ठा करने बैठा हूँ
चोरी -चोरी तिरछी नजर से निहारना
उसके देखते ही नजर फिर लेना
फिर मुस्कराते हुये गहरी सांस लेना
आज फिर लहराते -लहराते नाच करना चाहता हूँ ,
बिंदास हो कर फिर उसी मस्ती में झूमना चाहता हूँ ,
आज फिर हंस हंस कर बेहाल होना चाहता हूँ
आज फिर मस्ती में नाचना चाहता हूँ ,
नाम-मोहन नेगी
दिनाँक -09/01/2020
स्कूल के दिनों की जब में टीचर था
I MISS SO MUCH
तो दोस्तों आज की मेरी पोस्ट मेरी यादोंक के दिन की थी पक्का आप न्र भी जिए होंगे ये दिन तो आप को कैसे लगते थे वो दिन। ...... ...... लगते थे न प्यारे। .. तो दोस्तों आओ आज फिर से वो दिन याद करें।
आप का लिखे और पसंद करे मेरे पोस्ट को TQ
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