Saturday, January 11, 2020

ठिठुरन का दिन

                  ठिठुरन का दिन
आये हैं जाड़ों के दिन 
ठिठुरते -सिकुड़ते दिन 
रजाई में सो जाने के दिन 
         और आ गए है कोहरे के दिन 
          पानी के छू कर चिल्लाने के दिन 
        चाय पीने और आग तापने  के दिन 
स्कूल के छुट्टी के दिन मगर गर में ही रहने के दिन 
हाथ रगड़कर हा हा करने के दिन 
मुँह से गर्म गर्म धुवा निकलने के दिन 
  मोहन नेगी 
आज मैने बस  ऐसे  ही जनवरी के दिनों की बात लिख दी। 
है इस बार तो हद हो गयी है सबसे ज्यादा जाड़ा इस बार हुआ है 

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